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Unveiling the Predatory Practices of Digital Loan Companies: A Spotlight on mPokket

In recent years, the proliferation of online digital loan companies in India has brought about a paradigm shift in the lending landscape. These platforms promise accessibility, convenience, and quick financial relief to those in urgent need. However, beneath the surface lies a dark reality - a reality of exorbitant interest rates, hidden charges, and a debt trap that ensnares the vulnerable. Today, we shed light on one such entity - mPokket. The Dark Side of Digital Loans As the digital loan industry burgeoned, it brought with it a host of issues. One major concern is the exorbitant interest rates that these companies impose, often surpassing legal limits. Additionally, hidden charges are camouflaged in the fine print of lengthy terms and conditions, leaving borrowers unaware of the true cost of their loans. To make matters worse, aggressive debt collection practices, bordering on harassment, have become distressingly common. ### Case Study: mpocket **Background:** Mpocket is one of th

भ्रष्ट अंचल अधिकारी रविरंजन कुमार एवं अपराधी पंकज ठाकुर के मिलीभगत से चल रहा है जमीन हड़पने का गैरकानूनी धंधाl

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मुजफ्फरपुर,मुरौल अंचल के बिशनपुर श्रीराम पंचायत की घटना है, जहाँ अंचल अधिकारी रविरंजन कुमार एवं सी आई राजेंद्र प्रसाद के मिलीभगत से माफियां ने कराया फर्जी तरीके से दाखिल ख़ारिजl ज्ञात हो कि परिवार के अनुसार पंकज ठाकुर तत्कालीन मुखिया पति, पिता रामचंद्र ठाकुर ग्राम-रैपुरा थाना सकरा ने राजनारायण शर्मा पिता स्वर्गीय शुदिष्ट नारायण शर्मा ग्राम मारकन थाना सकरा से जबरन फर्जी तरीके से मारकन चौक स्थित जमीन की अपहरण करके फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराया और फिर सीओ एवं सीआई के सांथ गाँठ से रिश्वत के दम पर गैरकानूनी ढंग से दखिलखारीज भी करा लियाl                   सीओ का आदेश कॉपी सीओ के आदेश कॉपी के तहत दाखिल खारिज के अर्जी  पर कोई आपत्ति नहीं है और दखल कब्जा पंकज ठाकुर का है, लेकिन  सीआई एवं ब्लाक अमिन के पत्र के अनुसार दखल कब्जा राजनारायण शर्मा का है और न्यालाय में मुकदमे का जिक्र हैl           सीआई और ब्लॉक अमिन का रिपोर्ट अब प्रश्न यह उठता है की यदि कोई आपत्ति नहीं था तो फिर सीओ साहब ने थाना और नीरज कुमार को नोटिस क्यों भेजा था?   थाना और नीरज कुमार को भेजे गए